Golden History of Bikaner । बीकानेर का सुनहरा इतिहास जानिए

बीकानेर जिला राजस्थान का सबसे दूसरा बड़ा जिला है इसमें राजस्थान संस्कृति की जीवन का भरपूर आनंद मिलता है यह पाकिस्तान के सीमा लगने वाला जिला है इसकी स्थापना राव बीकाजी ने कराई थी बीकानेर अपनी भुजिया नमकीन के लिए विश्व प्रसिद्ध है बीकानेर में फैला थार का मरुस्थल विश्व प्रसिद्ध है बीकानेर अपने पर्यटकों के लिए सबसे बढ़िया स्थान माना जाए इसे ऊट का देश भी कहा जाता है बीकानेर में ऊंट का मेला लगाया जाता है बीकानेर का पुराना नाम जान्गल देश भी था

Expansion of Bikaner : बीकानेर का विस्तार

राजस्थान का दूसरा बड़ा जिला बीकानेर अपने क्षेत्रफल दृष्टि बहुत बड़ा है इसका कुल क्षेत्रफल 30247 वर्ग किलोमीटर है बीकानेर जिले में लगभग 1498 गांव स्थित है जिसमें 290 ग्राम पंचायत शामिल है बीकानेर जिले में कुल 8 तहसील है जो बीकानेर को संभालती है बीकानेर राजस्थान के राज्य की सात संभागों में से एक संभाग है

When was Bikaner established : बीकानेर की स्थापना कब

राजस्थान के मारू प्रदेश के नाम से जाने वाला जिला बीकानेर की स्थापना 1481 में राव बीकाजी ने कराई थी करणी माता के आशीर्वाद से इन्होंने बीकानेर शहर की स्थापना कराई थी बीकानेर जिले में मारवाड़ी भाषा राजपूत द्वारा बोली जाती थी इसका पूर्ण निर्माण 17 जनवरी 1594 से में पूरा हुआ था इसे तुर्की शैली में बनाया गया है तथा देश के बड़े किलो की संरचना का कुछ भाग दिखाई देता है

Junagarh Fort of Bikaner : बीकानेर का जूनागढ़ किला

भारत के राजस्थान राज्य के बीकानेर जिले में स्थित जूनागढ़ के किले का निर्माण 1594 इसी में राजा राय सिंह ने करवाया था इसे पहले चिंतामणि गढ़ के नाम से जाना जाता था बाद में 19वीं शताब्दी में इसका नाम बदलकर जूनागढ़ रखा गया था इसे रति घाटी का किला भी कहा जाता है इसकी दीवारों की ऊंचाई 40 फीट तथा 37 बुज्र और सात दरवाजे स्थित है कहा जाता है कि बीकानेर की जूनागढ़ किले पर कभी किसी ने शासन नहीं किया था एकमात्र बाबर के दूसरे बेटे काम करण मिर्जा ने इसे एक दिन के लिए शासन किया था 1534 ईस्वी में राव जीत सिंह के मध्य युद्ध लड़कर एक दिन के लिए शासक बना था इसे तुर्की शैली में बनाया गया है इसमें लाल बलवा पत्थर तथा संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है इसमें मुख्यतः दो दरवाजे करण पोल व चंद्र पोल है जूनागढ़ में कई महल भी बनाए गए जिसमें बादल महल गंगा महल मुख्य है यह चतुर कोनिया किला बनाया गया इसमें शिवजी का मंदिर होने के कारण इसे शिवगढ़ भी कहा जाता है

बीकानेर का जूनागढ़ क़िला

यह बीकानेर के बीचों-बीच स्थित है इसमें टिकट लगभग ₹100 लगती है इसमें एक संग्रहालय और पुस्तकालय भी स्थित है संग्रहालय में हड़प्पा सभ्यता तथा महाराजा गंगा सिंह की विश्व प्रसिद्ध बंदूक तथा अकबर की तलवार और महाराजा गंगा सिंह की तलवार तथा अन्यथा सारे राज्यों की तलवार स्थित है जूनागढ़ किले के पहुंचने के लिए तीनों साधन उपलब्ध हवाई मार्ग से आने के लिए जोधपुर हवाई अड्डा नजदीक रहेगा तथा रेल मार्ग से लालगंज या बीकानेर जंक्शन पास रहेगा

Battle of Rati Valley : राती घाटी का युद्ध

यह युद्ध मुगल बादशाह बाबर के बेटे कामरान बीकानेर के नरेश राव जैत सिंह के मध्य 1534 को हुआ था यह युद्ध करीब डेढ़ दिन चला था जिसमें बाबर के बेटे कामरान ने एक दिन के लिए बीकानेर प्रशासन किया और फिर वापस बीकानेर के राजा होने पर शासन किया था आज भी बीकानेर में राति घाटी विजय दिवस मनाया जाता है राजस्थान के एकीकरण में 20 मार्च 1949 को चौथे चरण में बीकानेर को राजस्थान में शामिल किया गया आज भी राति प्रतिघात उद्योग से बीकानेर में बड़े धूमधाम से बनाया जाता है तथा बड़े-बड़े लोगों का इसी दिन सम्मान किया जाता है

Karni Mata of Deshnok : देशनोक की करणी माता

बीकानेर से 30 किलोमीटर दक्षिण में स्थित करणी माता का मंदिर देशनोक में है महाराजा गंगा सिंह ने ईसे बनाया था इसमें लगभग 25000 चूहे जिन्हें काब्ब कहा जाता है मां करणी माता चरण कुल की थी इसके दरवाजे चांदी के बनाए गए हैं विदेश में ऐसे चुहा की देवी भी कहा जाता है करणी माता का जन्म 2 अक्टूबर 1387 ईस्वी में चरण कल में हुआ था करणी माता का जन्म जोधपुर के सुआपा गांव में हुआ था करणी माता के मंदिर में सफेद चूहा देखना बहुत ही शुभ माना जाता है करणी माता शेखावत समाज की कुलदेवी मानी जाती है यह सफेद संगमरमर के पत्थर से बना हुआ है।

Bikaner’s Camel Fair : बीकानेर का ऊट का मेला

बीकानेर के जूनागढ़ किले में बनाए जाने वाला यह मेल विश्व प्रसिद्ध है जूनागढ़ किलो से ऊंट का एक जुलूस निकाला जाता है इसे ऊंट का फेस्टिवल भी कहा जाता है यह हर साल दो दिनों के लिए जनवरी महीने में लगाया जाता है यह मेल पर्यटक विभाग द्वारा आयोजित किया जाता है इसमें राजस्थान के कलाकार अपने पोशाक में नृत्य दिखाते हैं इससे मेले में बहुत नस्ल के ऊंट शामिल होते हैं तथा उनकी दौड़ कराई जाती है इसमें देश-विदेश से लोग ऊंट महोत्सव देखने के लिए आते हैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 22 जून को विश्व ऊंट दिवस मनाया जाता है राजस्थान में राज्य पशु भी ऊंट को माना जाता है राजस्थान में ऊंट को रेगिस्तानी जहाज भी कहा गया है।

Information about Gajaner Palace of Bikaner : बीकानेर के बीकानेर पैलेस के बारे में जानकारी

इस महल की स्थापना महाराजा गंगा सिंह ने एक झील के किनारे की थी जो देखने में बहुत ही सुंदर लगती थी इस महल का निर्माण का मुख्य करण शिकार तथा विश्राम करना था इस महल की निर्माण 1976 में किया गया था इस महल में टिकट लगभग ₹250 पर व्यक्ति लगती है इसमें देखने के लिए बहुत ही बाड एक जंगल जो पर्यटकों को अपनी और आकर्षक करता है यह लाल बलवा पत्थर से अमित महल बहुत ही सुंदर लगता है।

Red Palace of Bikaner : बीकानेर का लालगढ़ पैलेस

इस पैलेस का निर्माण महाराजा गंगा सिंह ने करवाया था वर्तमान में इसे एक होटल के रूप में परिवर्तन कर दिया गया है इसमें एक संग्रहालय और पुस्तकालय भी स्थित है पुस्तकालय में हड़प्पा सभ्यता बीकानेर आदि का इतिहास की किताबें मिल जाती है संग्रहालय में महाराजा गंगा सिंह राव सिंह आदि के हथियार भी मिलते हैं इस महल का निर्माण 1902 से 1926 के मध्य महाराजा गंगा सिंह ने अपने पिता लाल सिंह की स्मृति में बनाया था यह बीकानेर जिले से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है

Famous Food of Bikaner : बीकानेर का प्रसिद्ध खाना

बीकानेर अपनी मिठाइयों और नमकीन के लिए विश्व प्रसिद्ध माना जाता है बीकानेर की प्रसिद्ध मिठाई घेवर और को माना गया है जो विश्व प्रसिद्ध है बीकानेर में प्रसिद्ध बीकानेर भुजिया विश्व में अपनी एक अलग ही पहचान बना रखी है बीकानेरी भुजिया से कई उद्योग चलते हैं लोगों को रोजगार भी मिलते हैं बीकानेर के प्रसिद्ध दाल बाटी चूरमा मिठाई नमकीन भारत में प्रसिद्ध है बीकानेर में मुख्यतः प्रसिद्ध खाना चिड़ावा भुजिया रसगुल्ला आती है बीकानेर की बेसन की गट्टे की सब्जी सबसे बढ़िया सब्जी मानी गई है

Kodmadesar Temple of Bikaner : बीकानेर का कोडमदेसर मंदिर

बीकानेर का कोडमदेसर मंदिर भैरव बाबा का मंदिर जो संगमरमर के पत्थर से बना हुआ है यह मूर्ति रावत चहायडं सिंह गहलोत ने मंडोर से लेकर यहां पर स्थापना की थी बीकानेर से 1.7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोडमदेसर मंदिर तालाब विश्व प्रसिद्ध है।

Right Time to visit Bikaner : बीकानेर घूमने का सही समय

राजस्थान के बीकानेर जिले में घूमने का सही समय लगभग अक्टूबर से मार्च तक रहता है क्योंकि इस समय सर्दी का मौसम रहता है जिससे पर्यटकों को कोई दिक्कत नहीं होती है क्योंकि राजस्थान में गर्मी बहुत ज्यादा रहती है बीकानेर में थार का मरुस्थल होने के कारण बीकानेर में गर्मी बहुत ज्यादा रहती है तथा बारिश की संभावना भी कम रहती है बीकानेर आने के लिए तीनों साधन उपलब्ध है आप बस ट्रेन बता प्लेन से आ सकते हैं प्लेन के लिए आपके नजदीकी हवाई अड्डा जोधपुर हवाई अड्डा से उतरकर बीकानेर बस या ट्रेन से आना होगा ट्रेन से आने पर आपको लालगंज या बीकानेर जंक्शन उतरना रहेगा

Some important things about Bikaner : बीकानेर की कुछ मुख्य बातें

  • बीकानेर जिले के अंतरराष्ट्रीय सीमा भी लगती है जिसकी लंबाई 168 किलोमीटर है
  • बीकानेर जिले के रेड क्लिप रेखा जो पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है
  • बीकानेर का पुराना नाम जांगल देश की था
  • राजस्थान का दूसरा बड़ा जिला बीकानेर है
  • बीकानेर अपने भुजिया के लिए विश्व प्रसिद्ध है

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