Neem Karoli Baba Ashram : नमस्कार दोस्तों आज हम आपके साथ शेयर करेंगे नीम करौली बाबा आश्रम की सच्चाई। नीम करौली बाबा जी का वास्तविक नाम लक्ष्मण नारायण शर्मा जिनका जन्म सन् 1900 में उत्तर प्रदेश के गाँव अकबरपुर जिला फिरोजाबाद मैं हुआ था। जिन्होंने अपना 73 साल का जीवन कैंची धाम में हनुमान जी की सेवा में बिताया और 11 सितंबर 1973 को 1:15 बजे वृंदावन के अस्पताल में नीम करौली बाबा की मृत्यु हो गई।
लक्ष्मण नारायण शर्मा यानी नीम करौली बाबा हमेशा दूसरे व्यक्तियों की सहायता करने में अपना जीवन यापन करते रहे साथ ही बाबा जी 11 वर्ष की आयु से ही हनुमानजी की भक्ति में नील हो गए है जिससे दिन प्रतिदिन बाबाजी की चमत्कारिक शक्तियों में वृद्धि होती रही और फिर भारत के ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग बाग बाबा जी के आश्रम पर आकर उनका आशीर्वाद लेने लगे।
Complete information about Neem Karoli Baba: नीम करौली बाबा की पूरी जानकारी
- जन्मस्थान – नीम करौली बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर गाँव मे सन् 1900 की साल में हुआ था।
- मृत्यु – नीम करौली बाबा की मृत्यु वृन्दावन की अस्पताल में तारीख 11 सितम्बर 1973 को सीने में दर्द आने की वजह से हुई थी।
- वास्तविक नाम – नीम करौली बाबा का वास्तविक नाम लक्ष्मण नारायण शर्मा था।
- उम्र – नीम करौली बाबा जी की जब मृत्यु हुई थी तो उनकी उम्र 73 साल थी।
- रहने का स्थान – नीम करौली बाबा उत्तराखंड के नैनीताल से 11 किलोमीटर दूर के कैंची धाम में रहते थे।
Neem Karoli Baba Mandir
हमारे भारत देश और दुनिया भर में विभिन्न हिस्सों में नीम करौली बाबा को समर्पित कई मंदिर है लक्ष्मण नारायण शर्मा यानी नीम करौली बाबा से जुड़े सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक कैंची धाम मंदिर है यह मंदिर हमारे हिन्दुस्तान के उत्तराखंड राज्य के नैनीताल से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह नीम करौली बाबा आश्रम और मंदिर प्रिय भक्तों के लिए पूजा के मुख्य केंद्रों में से एक माना जाता है, इस मंदिर में जाने के बाद श्रद्धालु अपना मन भक्ति भाव और दान पुण्य करने में लगा लेते हैं।
नीम करौली बाबा कहना है कि व्यक्ति अपनी आमदनी में से कुछ हिस्सा यदि जरूरत मंद लोगों को देते हैं तो उसकी आय में वृद्धि होती है और हमेशा उनके घर सुख शांति बनी रहती है, कैंची दाम से पहले महाराज ने पूरे भारत का भ्रमण किया था और भक्ति भावना के साथ दान पुण्य का अनुभव प्राप्त किया था।
Neem Karoli Baba Dham
लक्ष्मण नारायण शर्मा जिनको आज के समय में बाबा नीम करौली के नाम से जानते है जिन्होंने 11 वर्ष की आयु में शादी करके कुछ से दिनों बाद घर गृहस्थी का जीवन त्याग कर हिंदुस्तान के भ्रमण पर निकल गए अलग-अलग जगहों पर जाकर नीम करौली बाबा तपस्या करते रहे, घर से निकलने के बाद महाराज जी को बहुत सालों बाद गुजरात में देखा गया फिर बाबा नीम करौली के पिताजी उनको लेने के लिए वहाँ पर पहुँचे तो स्पष्ट मना करके अपने पिताजी से माफी माँगी और बोला मैं घर नहीं जा सकता हूँ।
अलग-अलग पवित्र जगहों पर जाकर तपस्या करने के बाद अंत में उत्तराखंड के नैनीताल से कुछ ही दूरी पर कैंची के आकार में स्थान पर जाकर बैठ गए और वहाँ पर हनुमानजी की सेवा करने लगे और उस स्थान का नाम कैंची धाम रखा गया। कैंची धाम पर जाकर नीम करौली बाबा से मिलने वाले व्यक्तियों को बाबा अलग-अलग प्रकार के चमत्कार दिखाने लगे, नीम करौली बाबा हमेशा आने वाले व्यक्तियों को एक ही बात बोलते थे की जितना आप दान पुण्य करोगे लौटकर उससे कई गुना आपके पास आएगा।
जिस किसी व्यक्ति ने बाबाजी की बात मानकर बाबा जी के कहने पर चलने लगें तो उसके जीवन में काफी ज़्यादा सुधार देखने को मिला है और एक दूसरे को बाबा जी के बारे में बताने लगे फिर धीरे धीरे दुनिया भर में नीम करौली बाबा और कैंची दाम प्रसिद्ध हो गए। अब इस जगह को लोगबाग नीम करौली बाबा धाम और कैंची दाम के नाम से जानते हैं।
Neem Karoli Baba Ashram Kainchi Dham
नीम करौली बाबा पहाड़ों के बीच एक कैंची के आकार में स्थान देखकर अपनी छोटी सी कुटिया बनाकर वहाँ भक्ति करने लगे धीरे-धीरे लोगबाग वहाँ पर आते रहे और बाबाजी के बारे में जानने की कोशिश करते रहे, नीम करौली बाबा आने वाले व्यक्तियों को हमेशा सही दिशा पर चलने की सलाह देते और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते थे, आने वाले व्यक्तियों के जीवन में परिवर्तन होने की वजह से दिन प्रतिदिन की भीड़ उमड़ने लगी और कुछ ही दिनों में वहाँ पर नीम करौली बाबा आश्रम कैंची धाम बन गया।
Neem Karoli Baba Ashram Kainchi Dham पर जाकर दर्शन करने से श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है इसलिए नीम करौली बाबा आश्रम कैंची धाम पर दिन प्रतिदिन भीड़ उमडती जा रही है, नीम करौली बाबा के आश्रम जाने से व्यक्ति अच्छा महसूस करता है और अपना जीवन जरूरतमंद लोगों की सहायता बिताने लगता है।
Neem Karoli Baba: नीम करौली बाबा के कैंची धाम का इतिहास
नीम करौली बाबा कैंची धाम उत्तराखंड के नैनीताल शहर के पास कुमाऊं की पहाड़ियों में स्थित एक आध्यात्मिक आश्रम और मंदिर है, लक्ष्मण नारायण शर्मा उर्फ नीम करौली बाबा सन् 1961 में पहली बार कैंची धाम आए और अपने पुराने दोस्तों के साथ मिलकर इस जगह पर एक आध्यात्मिक आश्रम बनाने का विचार बनाया, बाबा जी में 1964 में कैंची दाम आश्रम की स्थापना की थी।
यह आश्रम हिन्दु संत नीम करौली बाबा को समर्पित है जिन्होंने यहाँ पर बालाजी महाराज की सेवा में अपना जीवन यहीं पर समर्पित किए था फिर 11 सितंबर 1973 को नीम करौली बाबा ने अपना शरीर त्याग दिया यानी उनकी मृत्यु हो गई, कैंची धाम से मसूर नीम करौली बाबा की कई चमत्कारी कहानियां और भक्तों का मानना है कि नीम करौली बाबा अपने भौतिक निधन के बाद भी उन्हें मार्गदर्शन और सुरक्षा प्रदान कराते हैं।
नीम करौली बाबा का कैंची धाम कहाँ स्थित है ?
- देश: भारत देश
- राज्य: उत्तराखंड
- जिला: नैनीताल
- पिन कोड: 263132
- स्थान: कैंची धाम
स्थापना दिवस
हिंदू संत बाबा नीम करौली द्वारा स्थापित कैंची धाम में प्रत्येक वर्ष 15 जून को स्थापना दिवस मनाया जाता है। इस दिन दुनिया भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और पूज्य संत को श्रंद्धांजलि देते हैं तथा आश्रम में आयोजित धार्मिक गतिविधियों में भाग लेते हैं, स्थापना दिवस कैंची धाम की स्थापना के याद में मनाया जाता है और इस दिन इस कार्यक्रम को बहुत ही धूमधाम से मना कर श्रद्धालु अपनी भक्ति में नील हो जाते हैं, कैंची धाम की स्थापना नीम करौली बाबा जी ने सन् 1964 में की थी।
नीम करौली बाबा का जन्मदिन कब आता है ?
लक्ष्मण नारायण शर्मा यानी नीम करौली बाबा जी का जन्म सन् 1900 में हुआ था। यह भी लगभग बताया जाता है बाकी नीम करौली बाबा जी का जन्म किस तारीख का हुआ था यह किसी को भी पता नहीं है। लेकिन अब नीम करौली बाबा जी का जन्मदिन नहीं बल्कि पुण्यतिथि मनाई जाती है।
नीम करौली बाबा के कब जाना चाहिए
यदि आपको उत्तराखंड के कैंची धाम यानी नीम करौली बाबा आश्रम जाना है तो मार्च से लेकर जून तक नीम करौली बाबा के दर्शन करने के लिए सबसे उपयुक्त समय है। इस समय पर यहाँ सुहाना मौसम रहता है क्योंकि पहाड़ों के बीच कैंची दाम और बाबा नीम करौली का आश्रम बनाया गया है जब यहाँ बारिश होती है तो पहाडी इलाका एकदम हरा भरा हो जाता है जिससे वहाँ पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए और ज़्यादा आसानी हो जाती है।
Delhi To Neem Karoli Baba Distance
यदि आप दिल्ली के रहने वाले हैं या फिर किसी अन्य राज्य से दिल्ली आकर नीम करौली बाबा कैंची धाम जाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको दिल्ली के नजदीकी रेलवे स्टेशन पर जाकर काठगोदाम उत्तराखंड के लिए ट्रेन पकड़नी होगी जिसकी दूरी दिल्ली से लगभग 335 किलोमीटर है।
नीम करौली बाबा नाम क्यों पड़ा ?
नीम करौली बाबा का वास्तविक नाम लक्ष्मण नारायण शर्मा था उनको स्वस्थ रहने के लिए नीम के पत्ते खाने की आदत पड़ गई थी फिर धीरे-धीरे लोगबाग उनको नीम करौली बाबा के नाम से जानने लगे तो हमारे कहने का मतलब यह है कि नीम के पत्तों खाने की आदत की वजह से बाबा जी को नीम करौली बाबा नाम मिला था।